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बुरा ना मानो होली है...............2 March 2018

बुरा ना मानो होली है...............

शिवराज सरकार ने आज पावन दिवस पर घोषणाएं की-
श्रीदेवी को मरणोपरांत एक करोड़ और बोनी कपूर को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की
जिन पत्रकारों ने जोख़िम उठाकर पुनर्जन्म करवाया, लाइव करवाया उन्हें नर्मदा किनारे प्रधानमंत्री आवास देने की घोषणा

रजत शर्मा, सुधीर चौधरी को मप्र गौशाला की प्रबन्धन समिति में सदस्य बनाया , दो कौड़ी के मंत्री समकक्ष की सुविधाएं मिलेंगी, इन दोनों के पास मप्र शुकरदेव समिति के क्रमशः अध्यक्ष और सचिव का प्रभार अतिरिक्त रहेगा
अर्णब को नया कमिश्नर , जनसम्पर्क बनाया , संबित पात्रा निज सचिव मुख्यमंत्री और राकेश सिन्हा को कुक्कुट पालन का प्रभारी बनाया
उमा भारती से लेकर केंद्र में मप्र के प्रतिनिधि मंत्री, सांसदों को व्यापमं का सदस्य बनाया
अमित शाह और नरेंद्र मोदी को मप्र सरकार का समरसता पुरस्कार देने की घोषणा
मप्र के भांड मीडिया के कुछ लोगों को माखनलाल विवि में गौ गोबर पीठ पर विभूषित किया अब ये शिव पुराण लिखेंगे नया
मप्र के योग्य और अतुलनीय विधायकों को निशुल्क प्राथमिक शिक्षा देने की, महापौरों को आंगनवाड़ी में प्रवेश, पार्षदों को निशुल्क पोषाहार , सरपंचों और पंचों को स्वच्छता अभियान से चलित संडास देने की घोषणा की
भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी को अरविंद टीनू जोशी द्वारा निशुल्क कोचिंग का प्रावधान किया जाकर केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर तुरन्त भेजने की घोषणा की
किसानों को फांसी हेतु निशुल्क रस्सी, सल्फास और सड़क पर मरने के लिए रोड़ रोलर की घोषणा
कुपोषित और नवजातों को गोरखनाथ अस्पताल में भेजने की निशुल्क हवाई सुविधा
संविदा कर्मचारियों को परिजनों सहित अंडमान की सेल्युलर जेल में 5 वर्ष का भोजन निशुल्क
कांग्रेसी, वामियों और बसपाइयों के लिए पतंजलि का जहर निशुल्क , रामदेव वितरित करेंगे
मुसलमान, आदिवासी और दलितों को पाक में जाकर बसने पर दस करोड़ प्रति परिवार मुआवजा
सभी मरने वालों का श्राद्ध मुख्यमंत्री सहायता निधि से होंगे, ब्राह्मणों को जनेऊ निशुल्क
महिलाओं के खिलाफ कोई अपराध पंजीकृत नही होंगे हेमन्त कटारे से लेकर बलात्कारी भाजपाइयों को आधार कार्ड दिखाकर सब करने की छूट

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हमें सत्य के शिवालो की और ले चलो

आभा निवसरकर "एक गीत ढूंढ रही हूं... किसी के पास हो तो बताएं.. अज्ञान के अंधेरों से हमें ज्ञान के उजालों की ओर ले चलो... असत्य की दीवारों से हमें सत्य के शिवालों की ओर ले चलो.....हम की मर्यादा न तोड़े एक सीमा में रहें ना करें अन्याय औरों पर न औरों का सहें नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." मैंने भी ये गीत चित्रकूट विवि से बी एड करते समय मेरी सहपाठिन जो छिंदवाडा से थी के मुह से सुना था मुझे सिर्फ यही पंक्तिया याद है " नफरतों के जहर से प्रेम के प्यालों की ओर ले चलो...." बस बहुत सालो से खोज जारी है वो सहपाठिन शिशु मंदिर में पढाती थी शायद किसी दीदी या अचार जी को याद हो........? अगर मिले तो यहाँ जरूर पोस्ट करना अदभुत स्वर थे और शब्द तो बहुत ही सुन्दर थे..... "सब दुखो के जहर का एक ही इलाज है या तो ये अज्ञानता अपनी या तो ये अभिमान है....नफरतो के जहर से प्रेम के प्यालो की और ले चलो........"ये भी याद आया कमाल है मेरी हार्ड डिस्क बही भी काम कर रही है ........आज सन १९९१-९२ की बातें याद आ गयी बरबस और सतना की यादें और मेरी एक कहानी "सत

संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है

मुझसे कहा गया कि सँसद देश को प्रतिम्बित करने वाला दर्पण है जनता को जनता के विचारों का नैतिक समर्पण है लेकिन क्या यह सच है या यह सच है कि अपने यहाँ संसद तेली का वह घानी है जिसमें आधा तेल है आधा पानी है और यदि यह सच नहीं है तो यहाँ एक ईमानदार आदमी को अपने ईमानदारी का मलाल क्यों है जिसने सत्य कह दिया है उसका बूरा हाल क्यों है ॥ -धूमिल

चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास

शिवानी (प्रसिद्द पत्रकार सुश्री मृणाल पांडेय जी की माताजी)  ने अपने उपन्यास "शमशान चम्पा" में एक जिक्र किया है चम्पा तुझमे तीन गुण - रूप रंग और बास अवगुण तुझमे एक है भ्रमर ना आवें पास.    बहुत सालों तक वो परेशान होती रही कि आखिर चम्पा के पेड़ पर भंवरा क्यों नहीं आता......( वानस्पतिक रूप से चम्पा के फूलों पर भंवरा नहीं आता और इनमे नैसर्गिक परागण होता है) मै अक्सर अपनी एक मित्र को छेड़ा करता था कमोबेश रोज.......एक दिन उज्जैन के जिला शिक्षा केन्द्र में सुबह की बात होगी मैंने अपनी मित्र को फ़िर यही कहा.चम्पा तुझमे तीन गुण.............. तो एक शिक्षक महाशय से रहा नहीं गया और बोले कि क्या आप जानते है कि ऐसा क्यों है ? मैंने और मेरी मित्र ने कहा कि नहीं तो वे बोले......... चम्पा वरणी राधिका, भ्रमर कृष्ण का दास  यही कारण अवगुण भया,  भ्रमर ना आवें पास.    यह अदभुत उत्तर था दिमाग एकदम से सन्न रह गया मैंने आकर शिवानी जी को एक पत्र लिखा और कहा कि हमारे मालवे में इसका यह उत्तर है. शिवानी जी का पोस्ट कार्ड आया कि "'संदीप, जिस सवाल का मै सालों से उत्तर खोज रही थी वह तुमने बहुत ही