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श्रवण कुमार तीर्थ यात्रा योजना और म प्र का बंटाधार........

श्री भुवन गुप्ता (जो कही तहसीलदार है) जिनकी मूल पोस्टिंग है "श्रवण कुमार तीर्थ यात्रा योजना" की जहां वे लिखते है यह लोक कल्याणकारी राज्य है जिसमे माननीय मुख्यमंत्री जी अच्छा कार्य कर रहे है, वो मेरी टिप्पणी पर खफा है कि "तीर्थ यात्रा कराना राज्य का दायित्व नहीं हैभुवन कहते है कि "भाई साहब आप 'लोक कल्याणकारी' राज्य की अवधारणा को समझने का प्रयास करें। पूराने जमाने से हमारे यहाँ राजा सराय, धर्मशाला बनाने का कार्य करते रहे है। and there is no limit of 'Good Governence" और कह रहे है कि मुझे लोक कल्याणकारी राज्य की समझ नहीं है.

मेरा कहना है कि "यह गोद भराई और तीर्थ यात्रा निहायत ही व्यक्तिगत है ना कि धर्मशाला या सराय बनवाना ...............सिर्फ राज्य की कल्याणकारी अवधाराना का ढोल पीटने से राज्य कल्याणकारी नहीं हो जाता यहाँ के ब्यूरोक्रेट्स कितना कमा रहे है यह किसी से छुपा नहीं है प्रदेश के ३/४ जिला कलेक्टर और जिला पंचायत के कार्यपालक अधिकारी, जिला योजना अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे है और इनके खिलाफ जांच चल रही है यह किसी से छुपा नहीं है. सरकार और मुख्यमंत्री हर योजना अपने नाम से कर रहे है जबकि अधिकाँश योजनाये केन्द्र प्रवर्तित है यह आप सब भी जानते है.........लोक कल्याणकारी राज्य लोगो को सशक्त करता है ना कि पंगु और अपाहिज बनाता है यहाँ तो हर आदमी के पेट में आने से लेकर मरने तक का ठेका सरकार ले रही है तो फ़िर जीने और कर्म करके रोटी कमाने का सिद्धांत क्या है क्यों सब बंद नहीं करवा देते और लोगो को बैठकर खिलाते है .....?" राजा राम ने भी लोगो को पुरुषार्थ की शिक्षा दी थी और वे खुद एक कर्मवीर थे ना कि लोगो का दायित्व अपने ऊपर लेते थे.फ़िर ये कैसे हिंदू राष्ट्र के बीज हम बो रहे है और क्या यही हिंदू राष्ट्र है जिसके मंसूबे ये लोंग बाँध रहे है. लोगो को पढाओ लिखाओ और कर्मवीर बनाओ ना कि निराश्रित बनाओ और सरकार नामक संस्था पर आश्रित..........
अब श्राद्ध करना बाकी रह गया है वाह भी करवाने की घोषणा नहीं की सरकार ने, साथ ही यह सब हमारे मेहनत की कमाई है जो हम कई प्रकार के करों के रूप में सरकार को देते है , सरकार को कोई हक नहीं है कि इस तरह से वो रूपया बर्बाद करे और लोगो को निकम्मा बना दे आखिर गोद भराई , तीर्थ यात्रा और ऐसी तमाम योजनाएं निहायत ही व्यक्तिगत, प्लानड और निजी होती है सरकार इस तरह से काम करके सस्ती लोकप्रियता बटोर कर अपना आगामी वोट बेंक स्थापित करना चाह रही है यह बेहद आपत्तिजनक है इस पर बात होनी चाहिए और सरकारी लोगो को जो तंत्र में बैठे है उन्हें इस पर तारीफ़ करने के बजाय इसका विरोध करना चाहिए ना कि स्तुति कर भाट चारण की तर्ज पर पाषाणकालीन युग में लौटना चाहिए....................

Bhuvan Gupta

बुजुर्गों की लाठी बनेगी सरकार, . . . 'श्रवण कुमार' बन अब मध्य प्रदेश सरकार कराएगी तीर्थ - यात्रा . . . सरकार की सामाजिक दायित्वों के प्रति प्रतिबद्धता का इससे अनूठा उदाहरण मिलना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित वरिष्ठजन पंचायत में माननीय मुख्यमंत्री जी ने बुजुर्गों की तीर्थ - यात्रा के लिए 'मुख्यमंत्री तीर्थ - यात्रा योजना' लागू करने की घोषणा की। . . . 'लोक प्रशासन' विषय का विद्यार्थी होने से मैं इतना अवश्य जानता था कि व्यक्ति के 'जन्म से लेकर मरण' तक सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने जहाँ इससे एक कदम आगे जाकर 'गोद भराई' जैसे संस्कार को अपनी जिम्मेदारी माना वहीं अब बुजुर्गों के लिए तीर्थ - यात्रा . . . बधाई एंव साधुवाद ।

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